
हम जिन बातों के बारे में बात करने जा रहे हैं, वह सही साबित होती हैं, उन लोगों पर जो पहली बार संभोग करते हैं। कई बार लोग इतने ज्यादा डर जाते हैं कि वे डॉक्टर तक के पास चले जाते हैं, जबकि उनके साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ होता है। सामान्य रूप से निम्न मिथक लोगों में पाये जाते हैं----
1. ब्लीडिंग अथवा रक्तस्राव--
तमाम लोगों के मन में यह भ्रंति होती है कि पहली बार सेक्स करने पर लड़की की योनि से ब्लीडिंग यानी रक्तस्राव जरूर होना चाहिये। रक्तस्राव नहीं होने पर कई लोग तो यह समझ बैठते हैं कि लड़की पहले किसी के साथ संबंध स्थापित कर चुकी है या फिर उसका कौमार्य भंग हो चुका है या वो वर्जिन नहीं थी। सच पूछिए तो यह सब पूरी तरह गलत है। तमाम लोगों में यह भ्रांति होती है कि पहली बार संभोग करने पर योनिच्छद टूट जाता है, इसलिए रक्तस्राव होता है।
धार्मिक भावनाओं की बात करें तो पहली बार संभोग करने पर विवाह-देवता प्रसन्न होते हैं और उस स्थिति में योनि से खून निकलता है। सेक्सोलॉजिस्ट की मानें तो यह सब महज भ्रांतियां हैं। रक्त निकलना यह सिद्ध नहीं करता कि लड़की का कौमार्य पहली बार भंग हुआ है, बल्कि रक्त उस स्थिति में निकलता है, जब रक्त कोशिकाएं फट जाती हैं। ऐसा दूसरी या तीसरी बार संभोग करने पर भी संभव है। जब मांसपेशियां मजबूत हों तो रक्त निकलने का सवाल ही पैदा नहीं उठता।
2. योनि में दर्द---
यह भ्रांति आम तौर पर महिलाओं में होती है कि संभोग करने पर उन्हें असहनीय दर्द होगा और बड़े व टाइट लिंग को वो अपनी योनि में सहन नहीं कर पायेंगी। यह बातें आम तौर पर लड़कियों को तब बतायी जाती हैं, जब वो किशोरावस्था को पार करती हैं।
सच पूछिए तो दर्द उस स्थिति में होता है, जब योनि या लिंग की त्वचा सूखी हो और आप संभोग करें। लिहाजा दर्द से बचने के लिये आप पहले फोरसेक्स करें। ऐसा करने से लिंग एवं योनि दोनों से रंगहीन पदार्थ निकलता है, जो त्वचा को चिकना बना देता है। और अगर संभोग के समय दर्द हो तो धीरे-धीरे करें।
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