Aug 31, 2012

मैथुन से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य

   Kamasutra Facts Regarding Masturbation Aid0046 मैथुन से जुड़े हुये बहुत प्रश्नों का मुझे सामना करना पड़ता है। तो लीजिये उन सभी प्रश्नों के जवाब मैं यहाँ शेयर कर रहा हूँ.....
      कामसूत्र में संभोग की बात तो हर जगह की जाती है, लेकिन मैथुन की बात बहुत कम होती है। यह वो प्रक्रिया है, जिसमें इंटरकोर्स के बिना पुरुष या महिलाएं यौन सुख की चरम सीमा तक पहुंच सकते हैं। हम यहां बात करेंगे मैथुन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्‍यों के बारे में जिनके बारे में शायद ही आपको पता होगा।

     आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि सात साल का बच्‍चा भी मैथुन कर सकता है और कई लड़के करते भी हैं। आप सोच रहे होंगे कि 7 साल के बच्‍चे में वीर्य कैसे निकल सकता है। जी हां वीर्य तो नहीं निकलता, लेकिन उसे यौन अनुभव ठीक उसी प्रकार होता है, जैसा की बड़ों को। जबकि लड़कियों में मैथुन करने की प्रक्रिया टीन-एज में ही शुरू होती है।

      हाल ही में हुए एक बड़े रिसर्च में पता चला है कि लड़के 7 साल की उम्र में ही अपने यौन अंग को स्‍पर्श कर मैथुन शुरू कर देते हैं। कुछ मामलों में यह उम्र 6 वर्ष भी पायी गई है। बात अगर लड़कियों की करें तो वो 16 साल की उम्र के बाद ही मैथुन करती हैं। ऐसा काफी कम लड़कियों में पाया गया है। इस दौरान लड़कों की तुलना में उनमें यौन सुखों के बारे में जानने की ललक ज्‍यादा होती है। ज्‍यादातर लड़कियां 20 वर्ष की आयु में ही मैथुन शुरू करती हैं।

     रिसर्च के मुताबिक 80 प्रतिशत लड़के 16 से 20 वर्ष की आयु के बीच नियमित रूप से मैथुन करते हैं। हालांकि इस मामले में लड़कियों की संख्‍या उनसे आधी है। रिसर्च के मुताबिक 80 प्रतिशत लड़कियां इस उम्र में मैथुन के प्रयास जरूर करती हैं। 
     यह धारणा कि मैथुन करने वाली या नहीं करने वाली महिलाएं या पुरुष यौन क्रियाओं के लिए स्‍वस्‍थ्‍य नहीं होते, बिलकुल गलत है। मैथुन का सेक्‍सुअल हेल्‍थ से कोई लेना देना नहीं है।

     रिसर्च के मुताबिक 65 प्रतिशत पुरुष एवं महिलाएं शादी के बाद मैथुन बंद कर देते हैं। उसका कारण नियमित रूप से यौन सुखों का मिलना है। हालांकि उनमें भी कई महिलाएं व पुरुष खुद अपने पार्टनर के सामने मैथुन करते हैं।

    रिसर्च के मुताबिक अपनी शुरुआती उम्र में मैथुन करने वाले पुरुषों में 25 प्रतिशत 70 वर्ष की आयु तक भी मैथुन करते हैं।    

पहली बार सम्भोग से जुड़ी कुछ भ्रांतियां (Part -2)

3.संभोग के तुरंत बाद मूत्र विसर्जन--
    कई महिलाओं व पुरुषों का मानना है कि संभोग के तुरंत बाद महिला यदि मूत्र विसर्जन कर दे, तो वह गर्भवती नहीं होती। यही सोच कर कई बार वे कंडोम का प्रयोग नहीं करते। कई बार जब बिना कंडोम के संभोग करना होता है, तब भी लोग ऐसा करते हैं। वे सोचते हैं कि संभोग के तुरंत बाद अगर महिला मूत्र विसर्जित कर देगी, तो मूत्र के साथ-साथ वीर्य भी निकल जायेगा और गर्भधारण नहीं होगा। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। मूत्र मूत्राशय से निकलता है और वीर्य गर्भाशय की ओर जाते हैं। दोनों का एक दूसरे से कोई संबंध नहीं। रही बात गर्भधारण की तो यह कुछ सेकेंड का खेल होता है।

4.दर्द और योनी में जलन--
    तमाम महिलाओं में यह मिथ्‍या होती है कि योनि में दर्द या जलन होना सेहत के लिये खतरनाक है। कई महिलाएं मूत्र विसर्जन के दौरान योनि में जलन की शिकायत करती हैं। अकसर ऐसा संभोग के तुरंत बाद मूत्र विसर्जन करने से होता है। कई महिलाएं सोचती हैं कि लिंग के अंदर जाने से उनकी योनि की मांसपेशियों में खिंचाव होता है और दर्द के बाद बड़ी हो जाती हैं। सच पूछिए तो ऐसा कुछ नहीं होता।

    अगर संभोग के दौरान योनि थोड़ी बहुत खुल भी जायेगी, तो भी कुछ समय बाद वापस अपनी जगह आ जाती है। रही बात जलन की तो संभोग के समय निकलने वाला पदार्थ बेसिक होता है, जबकि मूत्र एसिडिक होता है। संभोग के बाद अचानक अमलीय तत्‍व पड़ने के कारण जलन का अहसास होता है। कुछ महिलाएं मानती हैं कि संभोग के दौरान योनि के रगड़ने की वजह से ऐसा होता है। यह भी भ्रांति है। लेकिन हां अगर आपके मूत्र में संभोग नहीं करने के बाद भी जलन हो तो डॉक्‍टर को जरूर दिखायें।

   ये भ्रांतियां हैं पहली बार संभोग से जुड़ी, क्‍या इनके अलावा अपने किसी भ्रांति के बारे में सुना है।

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पहली बार संभोग से जुड़ी कुछ भ्रांतियां

     जब आप पहली बार सेक्‍स करते हैं, तो आप खुश होने के साथ-साथ अगर चिंता में डूब गये हैं, तो समझ लीजिये आपके दिमाग में ढेर सारी भ्रांतियां घुसी हुई हैं। यहां पर हम बात करेंगे उन भ्रांतियों अथवा मिथक की, जो लोगों के मन में पहली बार किये जाने वाले सेक्‍स के प्रति होती हैं।
हम जिन बातों के बारे में बात करने जा रहे हैं, वह सही साबित होती हैं, उन लोगों पर जो पहली बार संभोग करते हैं। कई बार लोग इतने ज्‍यादा डर जाते हैं कि वे डॉक्‍टर तक के पास चले जाते हैं, जबकि उनके साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ होता है। सामान्‍य रूप से निम्‍न मिथक लोगों में पाये जाते हैं----

1. ब्‍लीडिंग अथवा रक्‍तस्राव--
     तमाम लोगों के मन में यह भ्रंति होती है कि पहली बार सेक्‍स करने पर लड़की की योनि से ब्‍लीडिंग यानी रक्‍तस्राव जरूर होना चाहिये। रक्‍तस्राव नहीं होने पर कई लोग तो यह समझ बैठते हैं कि लड़की पहले किसी के साथ संबंध स्‍थापित कर चुकी है या फिर उसका कौमार्य भंग हो चुका है या वो वर्जिन नहीं थी। सच पूछिए तो यह सब पूरी तरह गलत है। तमाम लोगों में यह भ्रांति होती है कि पहली बार संभोग करने पर योनिच्छद टूट जाता है, इसलिए रक्‍तस्राव होता है।
धार्मिक भावनाओं की बात करें तो पहली बार संभोग करने पर विवाह-देवता प्रसन्‍न होते हैं और उस स्थिति में योनि से खून निकलता है। सेक्‍सोलॉजिस्‍ट की मानें तो यह सब महज भ्रांतियां हैं। रक्‍त निकलना यह सिद्ध नहीं करता कि लड़की का कौमार्य पहली बार भंग हुआ है, बल्कि रक्‍त उस स्थिति में निकलता है, जब रक्‍त कोशिकाएं फट जाती हैं। ऐसा दूसरी या तीसरी बार संभोग करने पर भी संभव है। जब मांसपेशियां मजबूत हों तो रक्‍त निकलने का सवाल ही पैदा नहीं उठता।

2. योनि में दर्द---
     यह भ्रांति आम तौर पर महिलाओं में होती है कि संभोग करने पर उन्‍हें असहनीय दर्द होगा और बड़े व टाइट लिंग को वो अपनी योनि में सहन नहीं कर पायेंगी। यह बातें आम तौर पर लड़कियों को तब बतायी जाती हैं, जब वो किशोरावस्‍था को पार करती हैं।
सच पूछिए तो दर्द उस स्थिति में होता है, जब योनि या लिंग की त्‍वचा सूखी हो और आप संभोग करें। लिहाजा दर्द से बचने के लिये आप पहले फोरसेक्‍स करें। ऐसा करने से लिंग एवं योनि दोनों से रंगहीन पदार्थ निकलता है, जो त्‍वचा को चिकना बना देता है। और अगर संभोग के समय दर्द हो तो धीरे-धीरे करें।

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